October 14, 2012
Today I delivered my third project in Toastmaster.
The project was to “Get to the point”.
Objectives as per Toastmaster “Competent Communicator”
manual as below –
- Determine your
general purpose
- Focus in on your
specific purpose
- Ensure that the
entire speech maintains focus on your objective
However there was a catch – I have to give speech in
Hindi, yes you heard me right.
This was a special session where all speakers have to use
Hindi only.
Anyways, the speech (in Hindi) is as below.
अगर मैं कहूं कि मेरा नाम दिन में चार बार लेने से आपके साथ
कुछ अच्छा होगा ? और इस बात का आप जितना अधिक प्रचार करेंगे, उतनी ही आप पर
लक्ष्मी की कृपा होगी..
यदि मैं आपको कैंसर का रामबाण उपचार बताऊँ. तो क्या आप मेरा
विश्वास करेंगे ?
मजेदार बात ये है कि मुझे अच्छी तरह ना जानते हुए भी आप आँखें
मूंद कर यकीन करेंगे.
क्योंकि हम बिलकुल ऐसा ही करते हैं,... जब हम ऑनलाइन होते
है.
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
हम अनगिनत मेल या मेसेज फॉरवर्ड करते है. कुछ हानिरहित चुटकुले, कुछ उपयोगी जानकारी देने वाले और कुछ अच्छी किस्मत के लिए
आखिर इसमे हर्ज़ ही क्या है ?
इसके चार तरह के नुकसान है.
१) पहला तो आप एक मुर्ख लगेंगे. खुद मुझे कुछ दोस्तों कि
तरफ अपना नजरिया बदलना पड़ा ,जो कि ऐसे अच्छे भाग्य के सन्देश भेजते थे.
facebook पर साईं बाबा की तस्वीर को आप like, share करो और आप पर साईं बाबा की कृपा होगी. वर्ना
आप नास्तिक कहलाओगे.
२) दूसरा आप किसी धोखेबाज़ी का शिकार हो सकते है. ऐसी बहुत सी मेल्स आपको आती होंगी कि आप भाग्यशाली
विजेता है फलां फलां lottery के, जिसका टिकट ही
आपने नहीं लिया होता.
या कोई वेबसाइट खोलिए और .... बधाईयाँ, आप १०००००० वें
व्यक्ति हैं क्लिक करने वाले और जीतते हैं एक आईपॉड.
३) तीसरा इनमें ऐसे सुझाव दिए जाते हैं जो आपकी सेहत के लिए
नुकसानदायक हो सकते हैं.
शायद आपको भी एक मेल आई हो ATM का पिन उल्टा टाइप करने के बारे में. अगर कोई आपको डरा धमका कर ATM से पैसे निकालने को मजबूर करता है. तो आप अपना पिन उल्टा टाइप करें. ऐसा करने
पर ATM से रुपये तो मिल
जायेंगे पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में अलार्म बजेगा. कितने लोगो को ये मेल मिला है ?
ऐसी कोई भी तकनीक किसी बैंक ने लागू नहीं की है. सोचिये ऐसी
मेल पढ़कर आप ऐसा करने कि कोशिश करें और ATM से पैसे आने की बजाय ब्लाक हो जायें. इस परिस्थिति में चोर आपका क्या हाल
करेगा ?
४) चौथा आप किसी सरकारी झमेले में फंस सकते हो
हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि सरकारी तंत्र ऐसी घटनायों को
लेकर बहुत ज्यादा उदार नहीं है.
कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी और Professor
अम्बिकेश महापात्र इसकी गवाही दे सकते हैं. Facebook
में आने वाले बहुत से मेसेज, कार्टून उस श्रेणी में आते हैं
जिनपर Law of sedition के अंतर्गत आप पर
कार्यवाही हो सकती है.
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
सवाल ये पैदा होता है कि व्यक्तिगत तौर पर हमें क्या करना चाहिए
?
- पहला इन्टरनेट पर "Break the Chain" और "Hoax - Slayer" जैसी कई वेब-साईट्स है जहां आपको सच्चाई का पता लग सकता है.
अगर हमारे पास
ऐसे मेसेज फॉरवर्ड करने का समय है तो हमारे पास उनकी सच्चाई पता करने का समय भी है. और अगर हमारे पास ऐसी mails
कि छानबीन करने का समय नहीं है तो हमारे पास इनको फॉरवर्ड करने का समय भी नहीं होगा. हमारी ऐसी
शुभकामनाओं / नेक सलाहों के बिना भी लोगों का काम चल जायेगा.
- दूसरा हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन हम जो भी करते है उसकी
जिम्मेदारी हमारी है. गौरतलब है कि कुछ placement agencies आपके bio-data के साथ साथ social media sites पर भी आपकी profile की जॉच करती है.
इसलिए दोस्तों, इस बात की सावधानी अवश्य रखें कि इन्टरनेट की बदौलत पूरी दुनिया एक गाँव बन गयी है. और हमारा
ऑनलाइन व्यवहार ही हमें इस गाँव का एक जिम्मेदार नागरिक साबित करेगा.

No comments:
Post a Comment